पाकिस्तान में भी मनाया जाता है करवा चौथ

पाकिस्तान में भी होती हैं करवा चौथ की पूजा, भारत के इन तीन मंदिरों में होते हैं विशेष आयोजन  


करवा चौथ के दिन भारत के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और कई स्थानों पर मेले और विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। भारत के अलावा कुछ अन्य देशों में भी करवा चौथ मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल में जानेंगे कि भारत में किन विशेष स्थानों पर करवा चौथ की पूजा की जाती है और मेले लगते हैं। साथ ही अन्य देशों की परंपरा को भी जानेंगे।

 

इन मंदिरों में होती है विशेष पूजा 


बरवाड़ा का चौथ मंदिर 

बरवाड़ा का चौथ माता मंदिर लगभग 567 साल पुराना है। ये मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा नाम के शहर में है। इस मंदिर की स्थापना 1451 में वहां के शासक भीम सिंह ने की थी। इस मंदिर में करवा चौथ की विशेष पूजा होती है। इस दौरान सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। चाैथ माता गौरी देवी का ही एक रुप है। इनकी पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान तो मिलता ही है साथ ही दाम्पत्य जीवन में भी सुख बढ़ता है।  

करीब एक हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर मुख्य शहर से 35 किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। देवी की मूर्ति के अलावा, मंदिर परिसर में भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियां भी दिखाई पड़ती हैं।


बूंदी का चौथ माता मंदिर 

चौथ माता का एक अन्य मंदिर राजस्थान के बूंदी शहर में स्थित है। बाणगंगा पहाड़ी पर बने इस मंदिर में तिल चौथ और करवा चौथ पर विशेष पूजा होती है। इसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। बूंदी और हड़ौती के क्षेत्र में मंदिर को लेकर विशेष आस्था है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि बूंदी के राजा चौथ माता के दर्शन के लिए सवाई माधोपुर के बरवाड़ा जाते थे। लेकिन जब वे बुजुर्ग हो गए तो वहां जाना मुश्किल हो गया। ऐसे में बाणगंगा की पहाड़ी पर माता की स्थापना की गई। 


जीवनखेड़ी का चौथ मंदिर 

इंदौर-उज्जैन हाइवे से लगे उन्हेल बायपास के समीप जीवनखेड़ी गांव में खेत के बीच करवा चौथ माता का मंदिर है। मंदिर की स्थापना डॉ. कैलाश नागवंशी ने अपनी मां लक्ष्मीदेवी की स्मृति में करवायी थी। शिप्रा नदी के किनारे निजी जमीन बना ये मंदिर साल में मात्र एक बार करवा चौथ के ही दिन खुलता है। मंदिर में चौथ माता के अलावा सास-बहू व बहन-भाई मंदिर भी है। मंदिर के भीतर ही सास-बहू यानी पार्वती और ऋद्धि-सिद्धि की प्रतिमा तथा भाई-बहन यानी लाभ-शुभ और संतोषी माता की प्रतिमा है। संतोषी माता को राखी बांधते दिखाया है। 


इन देशों में भी मनाया जाता है करवा चौथ 


भारत के अलावा पड़ोसी राज्य पाकिस्तान में भी करवा चौथ का व्रत मनाया जाता है। भारत की तरह पाकिस्तान में भी बड़ी संख्या में हिंदू आबादी निवास करती है। इस वर्ग की महिलाएं भारत की तरह ही निर्जला उपवास रखकर व चंद्रमा को जल अर्पित करके करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। 

पाकिस्तान की तरह पड़ोसी देश नेपाल में भी करवा चौथ आस्था का केन्द्र माना जाता है। कई मामलों में नेपाल की संस्कृति भारत से जुड़ी हुई है। इसी तरह नेपाल के लोग हिंदू रिति-रिवाजों के अनुसार चंद्रमा की पूजा करते हैं। इस दौरान चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और पूजा की जाती है। 


कई राज्यों में होता है मेलों का आयोजन


भारत गांवों और त्योहारों का देश है। गांव में हर तीज त्योहार पर विशेष मेलों का आयोजन किया जाता है। इसी प्रकार करवा चौथ पर भी कई राज्यों में मेले लगते हैं। हालांकि इन मेलों की अपनी कोई निश्चित परंपरा नहीं है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में मेलों का आयोजन किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। 


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