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नए साल के पहले दिन करें ये 5 उपाय

नए साल के पहले दिन करें ये 5 उपाय

नए साल के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में कर लें ये काम, सालभर नहीं होगी पैसों की कमी!


नया साल बस शुरू होने वाला है। अगर आप नए साल में देवी-देवताओं की कृपा पाना चाहते हैं, तो आप साल के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में बताए गए ये काम कर ले। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुबह-सुबह किए जाने वाले कार्यों का असर दिनभर की दिनचर्या पर भी पड़ता है। रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ये काम करना शुभ माना जाता है, क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में भगवान भी जगते हैं।


ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ होता है परमात्मा का समय। धार्मिक मान्यता के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में देवी-देवता धरती पर भ्रमण करते हैं। इसलिए इस समय को उनकी कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। साल के पहले ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक रहने वाला है। पुराने समय में ऋषि मुनि और छात्र इसी मुहूर्त में उठकर कामकाज में लग जाते थे। 


ब्रह्म मुहूर्त में करें ये काम : 


हथेली के दर्शन करें : 


धार्मिक मान्यता के अनुसार व्यक्ति की हथेलियों में देवी-देवताओं का वास होता है। इसी कारण सुबह उठते ही अपनी हथेली को देखकर मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और कभी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। 

मंत्र: कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।कलमूले तु गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्।।

ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा-पाठ 


शास्त्रों के अनुसार, सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद देवी-देवता की पूजा जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक असर पड़ता है।  इसके साथ ही जीवन की हर  परेशानी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। साथ ही दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है। 


इसके अलावा ब्रह्म समय में देवी-देवता की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलती है। ब्रह्म मुहूर्त के दौरान पूजा या अनुष्ठान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दौरान किया गया पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पढ़ी जाने वाले मंत्र सीधे ईश्वर से संपर्क साधने में मदद करते हैं।


इस मंत्र का करें जप : 


ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद सुखासन में बैठकर अपनी आंखों को बंद करें और इस मंत्र का जप करें। मंत्र जप पूरा होने के बाद हाथ में थोड़ा-सा जल लेकर अपनी मनोकामना मांगे और जल छोड़ दें। ऐसा करने से देवी-देवता आपसे प्रसन्न होंगे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। 


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बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

बसंत पंचमी पर पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

बसंत पंचमी का राशि पर प्रभाव

बसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान, विद्या और कला की देवी सरस्वती को समर्पित है।

बसंत पंचमी के दिन क्या करें, क्या नहीं

बसंत पंचमी का पर्व जो कि माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष है जो कि वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है।

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