मृत्‍यु पंचक के ये 5 दिन बेहद खतरनाक

दिसंबर में मृत्‍यु पंचक के ये 5 दिन बेहद खतरनाक, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम, वरना गंभीर होंगे परिणाम 


पंचक ज्योतिष शास्त्र में ऐसा समय माना जाता है। जिसमें किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। जब पंचक शनिवार से शुरू होता है तो इसे मृत्‍यु पंचक कहा जाता है। यह काल बेहद अशुभ और संवेदनशील माना गया है। इस दौरान किए गए अशुभ कार्यों का प्रभाव पांच गुना बढ़ सकता है, जिससे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। दिसंबर 2024 में मृत्‍यु पंचक की अवधि

दिसंबर 2024 में पंचक का आरंभ 7 दिसंबर शनिवार को होगा और यह 11 दिसंबर को समाप्त होगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से पंचक के दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।


क्या होता है पंचक?


पंचक पांच नक्षत्रों का योग है जो धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम चरण से शुरू होकर शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र तक चलता है। खगोल विज्ञान और ज्योतिष के अनुसार, इन नक्षत्रों के दौरान चंद्रमा का प्रभाव पृथ्वी पर बढ़ जाता है। इस समय किए गए अशुभ कार्यों का नकारात्मक असर कई गुना बढ़ जाता है।


मृत्‍यु पंचक का विशेष महत्व 


  • पंचक में किए गए कार्यों का प्रभाव पांच गुना बढ़ सकता है।
  • इसे मृत्‍यु पंचक इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह गंभीर कष्ट और जीवन में संकट ला सकता है।
  • इस दौरान नई शुरुआत या शुभ कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है।


पंचक में इन कार्यों से बचें


पंचक के दौरान कई कार्य करने की मनाही होती है। यह कार्य अशुभ माने जाते हैं और इनके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।


  • यात्रा करने से बचें: पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा न करें। इस दिशा को यम (मृत्यु) की दिशा माना गया है, जिससे दुर्घटना या मृत्यु का भय रहता है।
  • नए निर्माण कार्य न करें: मकान की छत डालने या अन्य निर्माण कार्य पंचक के दौरान न करें। इसे वास्तु दोष और दुर्घटनाओं का कारण माना गया है।
  • नई वस्तुओं की खरीदारी ना करें: पंचक में घर में नई वस्तुएं लाने से नकारात्मकता बढ़ती है। इस समय की गई खरीदारी आर्थिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • दाह संस्कार में विशेष सावधानी: पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए, तो दाह संस्कार के समय आटे या लकड़ी की 5 पुतलियों का दाह संस्कार भी साथ करना चाहिए। यह अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए आवश्यक है।
  • मायके या ससुराल ना जाएं: विवाहित महिलाओं को पंचक के दौरान मायके या ससुराल जाने से बचना चाहिए। इस समय घर से बाहर यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता।


मृत्‍यु पंचक के दौरान क्या करें?


पंचक काल में कुछ विशेष उपाय करके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। 


  • भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करें।
  • मंत्रों का जाप करें, जैसे महामृत्युंजय मंत्र।
  • घर में हवन और पूजा का आयोजन करें।
  • दान-पुण्य करें, विशेषकर अन्न, वस्त्र और जरूरतमंदों की सहायता।


पंचक का खगोलीय और ज्योतिषीय महत्व


खगोल विज्ञान के अनुसार पंचक तब बनता है जब पृथ्वी अपनी कक्षा में 300 से 360 डिग्री के बीच होती है। इस दौरान चंद्रमा की स्थिति पृथ्वी पर ऊर्जा को प्रभावित करती है। ज्योतिष के अनुसार, पंचक काल में किए गए कार्यों का असर व्यक्ति के जीवन पर लंबे समय तक पड़ता है। जान लें कि दिसंबर 2024 में मृत्‍यु पंचक का आरंभ 7 दिसंबर से होगा। इन 5 दिनों को बेहद संवेदनशील और अशुभ माना गया है। इस दौरान सभी कार्यों को सावधानीपूर्वक करें और उपयुक्त उपाय अपनाएं। शास्त्रों में बताए गए निर्देशों का पालन करके पंचक के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने