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बुधवार देवी-देवता पूजा

बुधवार देवी-देवता पूजा

Budhwar Devta Puja: गणेश पूजन के लिए बुधवार का दिन क्यों माना जाता है सबसे उत्तम, नहीं जानते होंगे ये बड़ी वजह


हिंदू धर्म में भगवान गणेश को हर शुभ कार्य से पहले याद किया जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी काम में बार-बार रुकावटें आ रही हों, तो गणेश जी का नाम लेने से समस्याएं दूर होती हैं और काम आसानी से पूरा हो जाता है।  गणेश जी विशेष कृपा पाने के लिए बुधवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि शास्त्रों में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। मान्यता है कि बुधवार को किए गए पूजा-व्रत से गणपति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों यह दिन ही गणेशजी की पूजा के लिए है शुभ और कैसे यह दिन हुआ भगवान को समर्पित? आइए जानते हैं...


बुधवार को क्यों होती है गणेश पूजा?

पौराणिक कथा के अनुसार, जिस दिन माता पार्वती ने भगवान गणेश की रचना की थी, उस दिन बुधदेव कैलाश पर्वत पर उपस्थित थे। उन्होंने जब बाल गणेश को देखा तो वह प्रसन्न होकर अपना दिन यानी बुधवार का दिन उन्हें समर्पित कर दिया। तभी से हर बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य मिलता है।


महाभारत के लेखक भी हैं भगवान गणेश

बहुत कम लोगों को पता है कि महाभारत की महान रचना को लिखने का काम भगवान गणेश ने किया था। महर्षि वेदव्यास ने जब महाभारत की रचना की, तो उसे लिखने के लिए उन्होंने गणेश जी से कहा। गणेश जी की लेखन गति इतनी तेज थी कि उन्होंने यह ग्रंथ लगातार तीन वर्षों में लिखकर पूरा किया।


गणेश जी के दर्शन हमेशा सामने से ही करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी की पीठ की ओर दरिद्रता का वास होता है। इसलिए मंदिर में दर्शन करते समय हमेशा सामने से दर्शन करना चाहिए। अगर आप बाहर निकल रहे हैं, तो पीछे की ओर कदम बढ़ाते हुए और हाथ जोड़कर गणेश जी की ओर मुंह रखकर बाहर निकलें।


माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं गणेश जी

एक रोचक कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी के कोई संतान नहीं थी, जिससे वे दुखी रहती थीं। जब माता पार्वती को यह बात पता चली, तो उन्होंने बाल गणेश को लक्ष्मी जी की गोद में बैठा दिया और उन्हें अपना पुत्र स्वीकार करने को कहा। तब से यह मान्यता बनी कि जब तक गणेश जी के साथ लक्ष्मी जी की पूजा नहीं की जाएगी, तब तक सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास किसी के जीवन में नहीं होगा।


माता-पिता के चरणों में है पूरा संसार

एक बार भगवान शिव और माता पार्वती ने अपने बेटों कार्तिकेय और गणेश जी से कहा कि जो सबसे पहले पृथ्वी का चक्कर लगाकर आएगा, वही सबसे बड़ा भक्त कहलाएगा। कार्तिकेय तुरंत निकल पड़े, लेकिन गणेश जी ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर दी और कहा कि उनके लिए माता-पिता ही पूरा संसार हैं। उनकी इस बुद्धिमानी से सब प्रभावित हो गए।


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