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मंगला गौरी मंदिर, गया, बिहार (Mangala Gauri Temple, Gaya, Bihar)

मंगला गौरी मंदिर, गया, बिहार (Mangala Gauri Temple, Gaya, Bihar)

मंगला गौरी मंदिर का महत्व


मंगला गौरी मंदिर गया के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और इसका महत्व अत्यंत गहरा है। यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, जिनके प्रेम और मिलन की कथा इस स्थल के अधिक महत्व को और भी गहरा और पवित्र बनाती है। यहां के दर्शन करने और पूजा करने से भक्तों को शांति और सुकून का अनुभव होता है। मंगला गौरी मंदिर एक ऐसा स्थल है जहां धार्मिक अनुशासन, भक्ति और श्रद्धा को महत्व दिया जाता है। गया के मंगला गौरी मंदिर की समीपवर्ती स्थलों पर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के संकेत मिलते हैं, जो इसे भारतीय धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है। यहाँ की परंपरा में भक्ति गीत, आरती और पूजा के विविध त्योहारों में लोग भाग लेते हैं और अपनी श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करते हैं।


 मंगला गौरी मंदिर की कथा:


इस मंदिर के पीछे एक ऐतिहासिक कथा है, जो हमें इसके महत्व और प्राचीनता का अनुभव कराती है। कथा के अनुसार, एक समय की बात है जब भगवान शिव की पत्नी सती के पिता, राजा दक्ष, एक बड़े यज्ञ का आयोजन करने का निर्णय लेते हैं। उन्होंने सम्पूर्ण देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन वे भगवान शिव और सती को नहीं आमंत्रित करते हैं, क्योंकि उन्हें अपने दामाद की योग्यता पर विश्वास नहीं था। सती को यह सुनकर बहुत दुख हुआ। वह यज्ञ स्थल पहुँची और उन्होंने अपने पिता से प्रश्न किया कि उन्होंने क्यों उनके पति शिव को आमंत्रित नहीं किया। राजा दक्ष ने उनकी बात न सुनते हुए अपमानजनक टिप्पणियाँ की इस बात को सुनकर भगवान शिव ने अपनी साधना का त्याग किया और अपने प्रेम की प्रतीक माता सती के शरीर को बचाया। इस घटना के बाद भगवान विष्णु ने चक्र ले जाकर सती के शरीर को कई टुकड़ों में विभाजित किया और जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे उन स्थानों को 'शक्तिपीठ' कहा गया। गया के मंगला गौरी मंदिर में माँ मंगला गौरी का वाम अंग गिरा था। इस घटना के बाद से यह स्थान माँ के शक्तिपीठों में से एक बन गया है और इसे भक्तों द्वारा विशेष श्रद्धा और भक्ति से पूजा जाता है। माँ मंगला गौरी की पूजा से भक्तों को माँ की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्हें सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और परिवार की सुरक्षा की प्राप्ति होती है। माँ की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है।


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महाकाल की बारात में (Mahakal Ki Barat Mein)

डम ढोल नगाड़ा बाजे,
झन झन झनकारा बाजे,

महाकाल की गुलामी मेरे काम आ रही है (Mahakal Ki Gulami Mere Kam Aarhi Hai)

उनकी ही कृपा से
एकदम मस्त जिंदगी है

महाकाल की लगन: शिव (Mahakal Ki Lagan)

मोहे लागी रे लगन महाकाल की लगन,
तुम्हारे नाम से किस्मत मेरी सजा लू मैं,

महाकाल की नगरी मेरे मन को भा गई (Mahakal Ki Nagri Mere Maan Ko Bha Gayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,
मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

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