नवीनतम लेख
ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का,
वाह रे बजरंगी क्या कहना,
ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना ॥
वो लांघ समुन्दर पार गया,
रावण की लंका जार गया,
लंका को जलाना क्या कहना,
रावण को डराना क्या कहना ॥
संजीवन बूटी लाने को,
लक्ष्मण के प्राण बचाने को,
पर्वत को उठाना क्या कहना,
लक्ष्मण को जिलाना क्या कहना ॥
श्री राम प्रभु को प्यारा है,
अहिरावण को जा मारा है,
ये राम दीवाना क्या कहना,
कहता है जमाना क्या कहना ॥
ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का,
वाह रे बजरंगी क्या कहना,
ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।