ये मैया मेरी है,
सबसे बोल देंगे हम,
तोड़ के दुनिया से नाता,
माँ तुमसे जोड़ लेंगे हम,
ये मैया मेरी हैं,
सबसे बोल देंगे हम ॥
तुम्हारा ही भरोसा है,
तुम्हारा ही सहारा है,
मेरी आँखो के आगे माँ,
बस तेरा ही नजारा है,
एक यही विनती है,
पास रखना मैया हरदम,
ये मैया मेरी हैं,
सबसे बोल देंगे हम ॥
जो कुछ भी पास है मेरे,
तुम्हारी है मेहरबानी,
तुम्हारी ही दया से माँ,
चले मेरा दानापानी,
मुझे भी अपना लो,
सफल हो जायेगा जनम,
ये मैया मेरी हैं,
सबसे बोल देंगे हम ॥
सभी है बेटे माँ तेरे,
हमें इकबार कह दे तू,
‘श्याम’ को लेकर गोदी में,
थोड़ा सा प्यार करले तू,
अगर माँ मिल जाये,
जमाना छोड़ देंगे हम,
ये मैया मेरी हैं,
सबसे बोल देंगे हम ॥
ये मैया मेरी है,
सबसे बोल देंगे हम,
तोड़ के दुनिया से नाता,
माँ तुमसे जोड़ लेंगे हम,
ये मैया मेरी हैं,
सबसे बोल देंगे हम ॥
साल के आखिरी माह यानी दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है, और यह माह कई पवित्र व्रत-त्योहारों से भरा है। इनमें विवाह पंचमी का विशेष महत्व है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में राम-सीता की जोड़ी को आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक माना गया है।
सनातन धर्म में वायु देवता बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वेदों में इनका कई बार वर्णन मिलता है और इन्हें भीम का पिता और हनुमान के आध्यात्मिक पिता माना जाता है। वायु पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) में से एक है और इसे जीवन का आधार माना जाता है।
हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का व्रत विशेष रूप से सूर्यदेव को समर्पित है। यह दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष माना जाता है।
हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है।