ये अटल भरोसा प्यारे, खाली ना जाएगा (Ye Atal Bharosa Pyare Khali Na Jayega)

ये अटल भरोसा प्यारे,

खाली ना जाएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा ॥


एक अटल भरोसा ही था,

सीता को प्रभु भक्ति पर,

और प्रभु को भी था भरोसा,

श्री हनुमत की शक्ति पर,

चाहे लाख बड़ा हो सागर,

ये लांघ जाएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा ॥


प्रभु नाम का सुमिरन ही तो,

विभीषण करता आया,

उस सुमिरन के बल पर ही,

हनुमान को सम्मुख पाया,

हर सच्चे भक्त का प्रभु से,

ये मिलन कराएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा ॥


‘योगी’ सुमिरन की युक्ति,

तेरा प्रभु से योग कराए,

खुद रामायण भी भक्तो,

हरि नाम महत्व बताए,

इस पावन नाम सहारे,

भव पार जाएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा ॥


ये अटल भरोसा प्यारे,

खाली ना जाएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा,

तू राम नाम का सुमिरन कर,

हनुमान आएगा ॥

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हनुमान ने कर दिया काम, चुटकी बजाई करके (Hanuman Ne Kar Diya Kaam Chutki Bajay Karke)

सारे हार गए जोर लगाई करके,
हनुमान ने कर दिया काम,

कौन हैं ललिता देवी

माता ललिता को समर्पित यह ललिता जयंती हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। दस महाविद्याओं में से एक है माता ललिता। इन्हें राज राजेश्वरी और ‍त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है।

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

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