वृन्दावन में हुकुम चले,
बरसाने वाली का,
कान्हा भी दिवाना है,
श्री राधे रानी का ॥
वहां डाली डाली पर,
वहां पत्ते पत्ते पर,
राज राधे का चलता,
गांव के हर रस्ते पर,
चारो तरफ़ डंका बजता,
वृषभानु दुलारी का,
कान्हा भी दिवाना है,
श्री राधे रानी का ॥
कोई नन्दलाल कहता,
कोई गोपाल कहता,
कोई कहता कन्हैया,
कोई बन्शी का बजैया,
नाम बदलकर रख डाला,
उस कृष्ण मुरारी का,
कान्हा भी दिवाना है,
श्री राधे रानी का ॥
सबको कहते देखा,
बड़ी सरकार है राधे,
लगेगा पार भव से,
कहो एक बार राधे,
बड़ा गजब का रुतबा है,
उसकी सरकारी का,
कान्हा भी दिवाना है,
श्री राधे रानी का ॥
तमाशा एक देखा,
जरा ‘बनवारी’ सुनले,
राधा से मिलने खातिर,
कन्हैया भेष है बदले,
कभी तो चूड़ी वाले का,
और कभी पुजारी का,
कान्हा भी दिवाना है,
श्री राधे रानी का ॥
वृन्दावन में हुकुम चले,
बरसाने वाली का,
कान्हा भी दिवाना है,
श्री राधे रानी का ॥
सनातन धर्म में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव देव की भी पूजा की जाती है। साथ ही मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है। भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर ज्येष्ठ नक्षत्र और हर्षण योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और वज्र और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। वहीं आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।