विधाता तू हमारा है - प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)

विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।
बिना तेरी दया कोई,
नहीं आनन्द पाता है ॥

तितिक्षा को कसौटी से,
जिसे तू जांच लेता है ।
उसी विद्याधिकारी को,
अविद्या से छुड़ाता है ॥

सताता जो न औरों को,
न धोखा आप खाता है ।
वही सद्भक्त है तेरा,
सदाचारी कहाता है ॥

सदा जो न्याय का प्यारा,
प्रजा को दान देता है ।
महाराजा ! उसी को तू,
बड़ा राजा बनाता है ॥

तजे जो धर्म को,
धारा कुकर्मों को बहाता है ।
न ऐसे नीच पापी को,
कभी ऊंचा चढ़ाता है ॥

स्वयंभू शंकरानन्दी तुझे जो जान लेता है ।
वही कैवल्य सत्ता की महत्ता में समाता है ॥

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फूलो से अंगना सजाउंगी (Phoolon Se Angana Sajaungi)

फूलो से अंगना सजाउंगी
जब मैया मेरे घर आएंगी।

मेरी अंखियों के सामने ही रहना ओ शेरोंवाली जगदम्बे

मेरी अखियों के सामने ही रहना, ओ, शेरों वाली जगदम्बे
(मेरी अखियों के सामने ही रहना, ओ, शेरों वाली जगदम्बे)

हे महाबली हनुमान, प्रभु तेरी महिमा निराली है (Hey Mahabali Hanuman Prabhu Teri Mahima Nirali Hai)

हे महाबली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,

नमस्कार भगवन तुम्हें भक्तों का बारम्बार हो(Namaskar Bhagwan Tumhe Bhakton Ka Barambar Ho)

नमस्कार भगवन तुम्हें,
भक्तों का बारम्बार हो,

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