विधाता तू हमारा है - प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)

विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।
बिना तेरी दया कोई,
नहीं आनन्द पाता है ॥

तितिक्षा को कसौटी से,
जिसे तू जांच लेता है ।
उसी विद्याधिकारी को,
अविद्या से छुड़ाता है ॥

सताता जो न औरों को,
न धोखा आप खाता है ।
वही सद्भक्त है तेरा,
सदाचारी कहाता है ॥

सदा जो न्याय का प्यारा,
प्रजा को दान देता है ।
महाराजा ! उसी को तू,
बड़ा राजा बनाता है ॥

तजे जो धर्म को,
धारा कुकर्मों को बहाता है ।
न ऐसे नीच पापी को,
कभी ऊंचा चढ़ाता है ॥

स्वयंभू शंकरानन्दी तुझे जो जान लेता है ।
वही कैवल्य सत्ता की महत्ता में समाता है ॥

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श्याम चंदा है श्यामा चकोरी - भजन (Shyam Chanda Hai Shyama Chakori)

श्याम चंदा है श्यामा चकोरी,
बड़ी सुंदर है दोनो की जोडी ॥

माँ का है जगराता, माँ को आज मनाएंगे(Maa Ka Hai Jagrata Maa Ko Aaj Manayenge)

माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,

धन्य वह घर ही है मंदिर, जहाँ होती है रामायण (Dhanya Wah Ghar Hi Hai Mandir Jahan Hoti Hai Ramayan)

धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण,

आज बिरज में होरी रे रसिया: होली भजन (Aaj Biraj Mein Hori Re Rasiya)

आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया ।

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