तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ (Tumhi Me Ye Jivan Jiye Ja Raaha Hoon)

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं से चला करती प्राणों की धड़कन

तुम्हीं से सचेतन अहंकार तन मन

तुम्हीं में ये दर्शन...

तुम्हीं में ये दर्शन किए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


असत के सदा आश्रय हो तुम्हीं सत

तुम्हीं में विषय विष, तुम्हीं में है अमृत

पिलाते हो जो कुछ...

पिलाते हो जो कुछ पिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


जहाँ भी रहूँ ध्यान मैं तुमको देखूँ

तुम्हीं में हूँ मैं ज्ञान मैं तुमको देखूँ

पथिक मैं ये अर्ज़ी...

पथिक मैं ये अर्ज़ी दिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥

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देवो में सबसे बड़े, मेरे महादेव हैं (Devo Me Sabse Bade Mere Mahadev Hai)

देवो में सबसे बड़े,
मेरे महादेव हैं,

कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है (Kardo Dur Prabhu Mere Mann Me Andhera Hai)

कर दो दूर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है,

छठ मईया जी की आरती

ॐ जय छठी माता, मैया जय छठी माता,
तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।

पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

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