तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
तुम्हीं से चला करती प्राणों की धड़कन
तुम्हीं से सचेतन अहंकार तन मन
तुम्हीं में ये दर्शन...
तुम्हीं में ये दर्शन किए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
असत के सदा आश्रय हो तुम्हीं सत
तुम्हीं में विषय विष, तुम्हीं में है अमृत
पिलाते हो जो कुछ...
पिलाते हो जो कुछ पिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
जहाँ भी रहूँ ध्यान मैं तुमको देखूँ
तुम्हीं में हूँ मैं ज्ञान मैं तुमको देखूँ
पथिक मैं ये अर्ज़ी...
पथिक मैं ये अर्ज़ी दिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
कुमार मैने देखे,
सुंदर सखी दो कुमार ।
क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,
क्या लेके आया बन्दे,
क्या लेके जायेगा,
क्या वो करेगा लेके चढ़ावा,
सब कुछ त्याग के बैठा कहीं,