तुलसा कर आई चारों धाम (Tulsa Kar Aai Chaaron Dham)

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


पहला विश्राम वाने हरिद्वार में पायो,

पहला विश्राम वाने हरिद्वार में पायो,

हरिद्वार में पायो, वाने हरिद्वार में पायो,

वहां कृष्ण करें स्नान,

तुलसा ना लेगी विश्राम ।

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


दूजो विश्राम वाने गोवर्धन में पायो,

दूजो विश्राम वाने गोवर्धन में पायो,

गोवर्धन में पायो, वाने गोवर्धन में पायो

वहां पर कृष्ण गिरवर उठाएं,

तुलसा ना लेगी विश्राम ।

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


तीजो विश्राम वाने बंसीवट पर पायो,

तीजो विश्राम वाने बंसीवट पर पायो,

बंसीवट पर पायो, वाने बंसीवट पर पायो,

वहां कृष्ण बंसी बजाए,

तुलसा ना लेगी विश्राम ।

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


चौथा विश्राम वाने मधुबन में पायो,

चौथा विश्राम वाने मधुबन में पायो,

मधुबन में पायो, वाने मधुबन में पायो,

वहां कृष्ण रास रचाए,

तुलसा ना लेगी विश्राम।

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


पूरा विश्राम वाने वृंदावन में लीनो,

पूरा विश्राम वाने वृंदावन में लीनो,

वाने वृंदावन में लीनो, वृंदावन में लीनो,

वहां मिल गए शालिग्राम,

तुलसा वहां लेगी विश्राम ।

तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।


तुलसा कर आई चारों धाम,

जाने कहां लेगी विश्राम ।

........................................................................................................
कैसे करें एकादशी माता का श्रृंगार?

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।

विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu Sahastranam )

ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।

मेरे सोये भाग जगा भी दो(Mere Soye Bhag Jga Bhi Do Shiv Damaru Wale)

मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,

काली सहस्त्रनाम (Kali Sahastranam)

श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।