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थारो खूब सज्यो दरबार,
म्हारा बालाजी सरकार,
मैं तो आया दर्शन ताइ,
बाला झट आवो दरबार,
बेगा आओ नि बालासा,
थाने अर्ज अपार ॥
बाला तन में सिंदूर धार,
थारे मुख में नागर पान,
थारे हाथ में घोटो धार बाला,
शोभा अपरम्पार,
बेगा आओ नि बालासा,
थाने अर्ज अपार ॥
बाला में हाथां में करताल,
काना में कुण्डल धार,
सदा राम राम गुण गाए बाला,
प्रभु ने रिझाए,
बेगा आओ नि बालासा,
थाने अर्ज अपार ॥
माता अंजनी रा लाल,
बाबा पवनपुत्र हनुमान,
थारी शोभा जग में न्यारी बाला,
जो ध्याए फल पाए,
बेगा आओ नि बालासा,
थाने अर्ज अपार ॥
थारे ‘भगवत’ महिमा गाए,
चरणों में शीश नवाएँ,
म्हारा बालाजी सरकार,
थाने विनती बारम्बार,
बेगा आओ नि बालासा,
थाने अर्ज अपार ॥
थारो खूब सज्यो दरबार,
म्हारा बालाजी सरकार,
मैं तो आया दर्शन ताइ,
बाला झट आवो दरबार,
बेगा आओ नि बालासा,
थाने अर्ज अपार ॥
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