तेरो लाल यशोदा छल गयो री(Tero Laal Yashoda Chhal Gayo Ri)

तेरो लाल यशोदा छल गयो री,

मेरो माखन चुराकर बदल गयो री ॥


मैंने चोरी से इसे मटकी उठाते देखा,

आप खाते हुए औरो को खिलाते देखा,

नाचकर घूमकर कुछ नीचे गिराते देखा,

माल चोरी का इसे खूब लुटाते देखा,

माल चोरी का इसे खूब लुटाते देखा,

मेरे मुँह पर भी माखन मल गयो री,

तेरो लाल यशोदा छल गयो री ॥


हाथ आता ही नहीं दूर दूर रहता है,

चोर है चोर ये चोरी में चूर रहता है,

चोरी कर के भी सदा बेकसूर रहता है,

सर पे शैतानी का इसके फितूर रहता है,

सर पे शैतानी का इसके फितूर रहता है,

मेरे माखन की मटकी उड़ल गयो री,

तेरो लाल यशोदा छल गयो री ॥


हसकर मांगता है और कभी रोता है,

अपने हाथो से दही आप ही बिलोता है,

ये दिन पे दिन भला क्यों इतना हटी होता है,

न दो तो धुल में ही लौटता और सोता है,

न दो तो धुल में ही लौटता और सोता है,

मेरो आँचल पकड़कर मचल गयो री,

तेरो लाल यशोदा छल गयो री ॥


इसे समझा दे यशोदा ये तेरा बेटा है,

चोर ग्वालो का एक ये ही चोर नेता है,

मार पड़ती है इन्हे और ये मजा लेता है,

इसके बदले में जरा बंशी बजा देता है,

इसके बदले में जरा बंशी बजा देता है,

‘जया’ ‘मोती’ कान्हा की शरण गयो री,

तेरो लाल यशोदा छल गयो री ॥


तेरो लाल यशोदा छल गयो री,

मेरो माखन चुराकर बदल गयो री ॥

........................................................................................................
छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे,
आजन बाजन,

तेरी महिमा सभी ने बखानी(Teri Mahima Sabhi Ne Bakhani )

तेरी महिमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी ॥

जया एकादशी चालीसा का पाठ

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

विवाह पंचमी कब है

विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने