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तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
ओड़ के आई मैं तो लाल चुनारिया,
मटकी उठा के मैं तो, बन गयी गुजरिया ।
मैं तो कर आई सोला श्रृंगार रसिया,
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
तेरे पीछे मैं तो आई हूँ अकेली,
बड़े गोप की नयी नवेली।
आई हूँ करने मनोहार रसिया,
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
जब से लगी है तेरी लगनवा,
बिसर गयो मोहे घर आंगनवा ।
मैं तो छोड़ आई सारा संसार रसिया,
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
------- भजन को कुछ भक्ति इस रूप मे भी गाते हैं -------
तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया,
मैं तो नाचूंगी बीच बाजार रसिया।
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