तेरी चौखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी,
जिंदगी सजने लगी मेरी,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी ॥
जो भी तेरे दर पे आया,
कुछ ना कुछ ले के गया,
होले होले ही सही मेरी,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी ॥
ढूंढ आया सारे जग में,
देव तुमसा ना मिला,
तेरा दरवाजा खुला और,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी ॥
तू ही मूरत तू ही तीरथ,
तू ही सब कुछ है मेरा,
हाथ जो तुमने ये थामा,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी ॥
तेरी नजरे ओ बालाजी,
‘पंकज’ पे रखना सदा,
छोटी सी ख्वाहिश ‘अमित’ की,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी ॥
तेरी चौखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी,
जिंदगी सजने लगी मेरी,
जिंदगी सजने लगी,
तेरी चौंखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 21 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के साथ शनिवार का दिन है। इसके साथ ही आज अश्विनी नक्षत्र के साथ अतिगण्ड योग का निर्माण हो रहा है।
हर इंसान के लिए उसका जन्मदिन बेहद खास होता है। आमतौर पर यह दिन केक काटने, मोमबत्तियां बुझाने और पार्टी करने में बीत जाता है। लेकिन हिंदू संस्कृति में यह दिन सिर्फ उत्सव नहीं, एक आध्यात्मिक अवसर होता हैI
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 22 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के साथ रविवार का दिन है। इसके साथ ही आज भरणी नक्षत्र के साथ सुकर्मा और धृत्ति योग का निर्माण हो रहा है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। हर महीने में दो एकादशी तिथियां आती हैं, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इनमें से आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है।