तेरे पावन माँ नवरात्रों में, ज्योत तेरी जगाए हुए हैं: भजन (Tere Paawan Maa Navratron Main Jyot Teri Jagaye Huye Hai)

तेरे पावन माँ नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,

जबसे लागी माँ तुम्हारी,

सारी दुनिया भुलाये हुए हैं,

तेरे पावन मां नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥


बजे मंदिरों में शंकर का डमरू,

गूंजे दिन रात नारद की वीणा,

भवन धोए मां इंद्र तुम्हारा,

झूला रुकता पवन का कभी ना,

देव नगरी से दर्शन को तेरे,

ब्रम्हा विष्णु भी आये हुए हैं,

तेरे पावन मां नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥


भैरों हनुमान श्रद्धा से हर पल,

तेरे भवनों में देते हैं पहरा,

तेरी ममता की समता कोई ना,

तेरा दिल है समुंदर से गहरा,

सारे गंधर्व करने को अर्पण,

फूल चुन चुन के लाये हुए हैं,

तेरे पावन मां नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥


तेरी भक्ति में पल जो भी गुजरे,

वो ही फल तो सफल होंगे मैया,

धूल चरणों की हमको बनालो,

पार होगी हमारी भी नैया,

जैसी औरों पे की तूने करुणा,

आस हम भी लगाए हुए हैं,

तेरे पावन मां नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥


तेरे पावन माँ नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,

जबसे लागी माँ तुम्हारी,

सारी दुनिया भुलाये हुए हैं,

तेरे पावन मां नवरात्रों में,

ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥

........................................................................................................
मेरो कान्हा गुलाब को फूल (Mero Kanha Gulab Ko Phool)

मेरो कान्हा गुलाब को फूल,
किशोरी मेरी कुसुम कली ॥

मोक्षदा एकादशी पर विष्णु जी का पूजन

प्रत्येक एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसी प्रकार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है।

वीरो के भी शिरोमणि, हनुमान जब चले (Veeron Ke Shiromani, Hanuman Jab Chale)

सुग्रीव बोले वानरों तत्काल तुम जाओ
श्री जानकी मैया का पता मिलके लगाओ

कर दो दुखियो का दुःख दूर, ओ बाघम्बर वाले (Kar Do Dukhiyo Ka Dukh Dur O Baghambar Wale)

कर दो दुखियो का दुःख दूर,
ओ बाघम्बर वाले,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।