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तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,
जबसे लागी माँ तुम्हारी,
सारी दुनिया भुलाये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
बजे मंदिरों में शंकर का डमरू,
गूंजे दिन रात नारद की वीणा,
भवन धोए मां इंद्र तुम्हारा,
झूला रुकता पवन का कभी ना,
देव नगरी से दर्शन को तेरे,
ब्रम्हा विष्णु भी आये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
भैरों हनुमान श्रद्धा से हर पल,
तेरे भवनों में देते हैं पहरा,
तेरी ममता की समता कोई ना,
तेरा दिल है समुंदर से गहरा,
सारे गंधर्व करने को अर्पण,
फूल चुन चुन के लाये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
तेरी भक्ति में पल जो भी गुजरे,
वो ही फल तो सफल होंगे मैया,
धूल चरणों की हमको बनालो,
पार होगी हमारी भी नैया,
जैसी औरों पे की तूने करुणा,
आस हम भी लगाए हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,
जबसे लागी माँ तुम्हारी,
सारी दुनिया भुलाये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
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