तेरे कितने है मुझपे एहसान,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
हार के जमाने से मैं,
तेरे दर पे आया था,
सोचा न एक पल तूने,
गले से लगाया था,
संग रहता मेरे हर पल,
सुबह शाम,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
अपना बना के मुझे,
कभी ठुकराना ना,
जी न सकूंगा बाबा,
कभी बिसराना ना,
मेरी धड़कन मेरा जीवन,
तेरे नाम,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
तेरे कितने है मुझपे एहसान,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां के अधिकांश त्योहार फसलों और प्रकृति से जुड़े होते हैं। वैशाखी भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में धूमधाम से मनाया जाता है।
वैशाखी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीना हिन्दू वर्ष का का दूसरा महीना होता है। यह महीना विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।
सनातन धर्म में वैशाख महीने का बहुत ही अधिक धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने वैशाख महीने को सबसे श्रेष्ठ महीनों में से एक बताया है।