तेरे जीवन में खुशियां,
तमाम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी ॥
नौ महीने तन के सांचे में,
ढालती है माँ,
फिर जनम देती है,
हमें पालती है माँ,
दुःख जो बच्चो पे हो,
माँ ये जान जाएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी ॥
बोझ बरसो तलक,
जो उठाती है माँ,
जागकर कितनी रातें,
बिताती है माँ,
तेरे जीवन में बेहतर,
मुकाम लाएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी ॥
माँ ने पैदा किया,
तो अपनी पहचान है,
माँ हमारी तुम्हारी,
सबकी भगवान है,
अपनी माँ को मना,
माँ वो मान जाएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी ॥
तेरे जीवन में खुशियां,
तमाम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी,
ले जा माँ की दुआएं,
ये काम आएगी ॥
वो नाव कैसे चले
जिसका कोई खेवनहार ना हो,
बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,
जिनके गले में विषधर काला,
दिवाली के पांचवें दिन मनाए जाने वाले त्योहार लाभ पंचमी का हिंदू धर्म अत्याधिक महत्व है। इस पर्व को गुजरात में विशेष तौर पर मनाया जाता है।
गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के गौ-पालन और लीलाओं की याद दिलाता हैं। गोपाष्टमी दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गोप का अर्थ है "गायों का पालन करने वाला" या "गोपाल" और अष्टमी का अर्थ हैं अष्टमी तिथि या आठवां दिन।