नवीनतम लेख
तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे,
सहारा नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
अमुवा की डाली पे
पिंजरा टंगाया,
उड गया सूवा,
पढ़ाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
गहरी गहरी नदियाँ,
नाव पुरानी,
डूबण लागी नाव,
बचाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
भाई और बंधू,
कुटुम्ब कबीलो,
बिगड़ी जो बात,
बनाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
कहत कबीर,
सुनो भाई साधो,
गुरु बिन ज्ञान,
सिखाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे,
सहारा नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।