तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हम ने सुना है,
श्याम मीरा को तारा,
वीणा का करके बहाना,
श्याम हम भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हमने सुना है,
श्याम द्रोपदी को तारा,
साडी का करके बहाना,
श्याम हम को भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हमने सुना है,
श्याम कुब्जा को तारा,
चन्दन का करके बहाना,
श्याम हम को भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हमने सुना है,
श्याम गणिका को तारा,
तोते का करके बहाना,
श्याम हम को भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हमने सुना है,
श्याम अर्जुन को तारा,
गीता का करके बहाना,
श्याम हम को भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हमने सुना है,
श्याम प्रहलाद को तारा,
खम्बे का करके बहाना,
श्याम हम को भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हमने सुना है,
श्याम केवट को तारा,
नौका का करके बहाना,
श्याम हम को भी तारो ।
तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।
हम को भी तारो,
श्याम हम को भी तारो ॥
हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।
विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि बेहद खास मानी गई है। यह दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।
इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष आचार्यों की मानें तो इस बार महाशिवरात्रि के दिन बुध देव का शनि की राशि कुंभ में उदय हो रहा है।