सुखी मेरा परिवार है,
ये तेरा उपकार है,
मेरे घर का एक एक पत्थर,
तेरा कर्जदार है ॥
देख गरीबी घबराए हम,
रहते थे परेशान जी,
किस्मत हमको लेके गई थी,
फिर मैया के धाम जी,
नजर पड़ी मेरी मैया की,
भरा पड़ा भंडार है,
मेरे घर का एक एक पत्थर,
तेरा कर्जदार है ॥
दबी पड़ी है झोपडी,
मैया के एहसान से,
भरी पड़ी है कुटिया मेरी,
बस माँ के सामान से,
जब भी माँगा मैया से,
किया नही इंकार है,
मेरे घर का एक एक पत्थर,
तेरा कर्जदार है ॥
जब जब संकट आता है,
माँ के आगे रोते है,
हम तो इसके भरोसे जी,
खुटी तान के सोते है,
हर पल करती रखवाली,
ये बनके पहरेदार है
मेरे घर का एक एक पत्थर,
तेरा कर्जदार है ॥
मैया जी का दिल देखा,
दिल की बड़ी दिलदार है,
इस परिवार को ये समझे,
खुद का ही परिवार है,
जान से ज्यादा ‘बनवारी’,
हमसे करती प्यार है,
मेरे घर का एक एक पत्थर,
तेरा कर्जदार है ॥
सुखी मेरा परिवार है,
ये तेरा उपकार है,
मेरे घर का एक एक पत्थर,
तेरा कर्जदार है ॥
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। फाल्गुन माह में आने वाली अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहा जाता है। यह दिन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने के लिए शुभ माना जाता है। लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
फाल्गुन अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। खासकर पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस अमावस्या से बेहतर दिन ही नहीं है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।
हिंदू धर्म में अपना एक कैलेंडर है, जिसके मुताबिक हर 15 दिन में अमावस्या और 15 दिन बाद पूर्णिमा आती है। कुछ ही दिनों बाद 27 फरवरी को फाल्गुन महीने की अमावस्या आने वाली है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपने अंतिम दिनों में है। 144 साल में बने संयोग में स्नान करने के लिए रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं। इस कारण ट्रेन और बसों में भी बड़ी संख्या में भीड़ देखने मिल रही है।