सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है - शब्द कीर्तन (So Satguru Pyara Mere Naal Hai)

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,

जिथे किथे मैनु लै छडाई


तिस गुरु कौ हौ वारिया,

जिन हर की हर कथा सुनाई,

तिस गुरु को सद बल हारनै,

जिन हर सेवा बड़त बड़ाई,

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है


तिस गुर कौ शाबाश हैं,

जिन हर सो जी पाई,

नानक गुर वीटो वारया

जिन हर नाम दिया,

मेरे मन की आश पुराई,

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं


सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं,

जिथे किथे मैनु लै छडाइ

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गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। इसी लिए विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश जी को समर्पित गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि का बनी रहती है।

शरण हनुमत की जो आया (Sharan Hanumat Ki Jo Aaya)

शरण हनुमत की जो आया,
उसे पल में संभाला है,

नमामि-नमामि अवध के दुलारे(Namami Namami Awadh Ke Dulare)

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥

शिव में मिलना हैं (Shiv Mein Milna Hai)

शिव में मिलना है ॥

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