सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है - शब्द कीर्तन (So Satguru Pyara Mere Naal Hai)

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,

जिथे किथे मैनु लै छडाई


तिस गुरु कौ हौ वारिया,

जिन हर की हर कथा सुनाई,

तिस गुरु को सद बल हारनै,

जिन हर सेवा बड़त बड़ाई,

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है


तिस गुर कौ शाबाश हैं,

जिन हर सो जी पाई,

नानक गुर वीटो वारया

जिन हर नाम दिया,

मेरे मन की आश पुराई,

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं


सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं,

जिथे किथे मैनु लै छडाइ

........................................................................................................
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया(Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥

हमारे हैं श्री गुरुदेव, हमें किस बात की चिंता (Hamare Hain Shri Gurudev Humen Kis Bat Ki Chinta)

हमारे हैं श्री गुरुदेव,
हमें किस बात की चिंता,

कालाष्टमी की पौराणिक कथा

सनातन हिंदू धर्म में, कालाष्टमी का पर्व शक्ति, साहस, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के भैरव स्वरूप की उपासना करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं।

जय गणेश जय गजवदन, कृपा सिंधु भगवान (Jai Ganesh Jai Gajvadan Kripa Sindhu Bhagwan)

जय गणेश जय गजवदन,
कृपा सिंधु भगवान ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।