सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये - भजन (Sita Ram Sita Ram Sita Ram Kahiye)

सीता राम सीता राम,

सीताराम कहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये।


मुख में हो राम नाम,

राम सेवा हाथ में,

तू अकेला नाहिं प्यारे,

राम तेरे साथ में ।

विधि का विधान जान,

हानि लाभ सहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ॥


सीता राम सीता राम,

सीताराम कहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ।


किया अभिमान तो फिर,

मान नहीं पायेगा,

होगा प्यारे वही जो,

श्री रामजी को भायेगा ।

फल आशा त्याग,

शुभ कर्म करते रहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ॥


सीता राम सीता राम,

सीताराम कहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ।


ज़िन्दगी की डोर सौंप,

हाथ दीनानाथ के,

महलों मे राखे चाहे,

झोंपड़ी मे वास दे ।

धन्यवाद निर्विवाद,

राम राम कहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ॥


सीता राम सीता राम,

सीताराम कहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ।


आशा एक रामजी से,

दूजी आशा छोड़ दे,

नाता एक रामजी से,

दूजे नाते तोड़ दे ।

साधु संग राम रंग,

अंग अंग रंगिये,

काम रस त्याग प्यारे,

राम रस पगिये ॥


सीता राम सीता राम,

सीताराम कहिये,

जाहि विधि राखे राम,

ताहि विधि रहिये ।

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परिवर्तनी एकादशी 2024: चातुर्मास के दौरान जब भगवान विष्णु बदलते हैं करवट, जानें इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है। हर एक त्योहार और व्रत से जुड़ी कई कथाएं होती हैं, जिन्हें पढ़ने और जानने से व्यक्ति को धार्मिक लाभ होते हैं।

मां ज्वाला देवी की कथा

मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक, ज्वालामुखी मंदिर, अपनी अनूठी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। इसे 'जोता वाली मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए।

तेरी महिमा सभी ने बखानी(Teri Mahima Sabhi Ne Bakhani )

तेरी महिमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी ॥

प्रदोष व्रत और इसके प्रकार

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र व्रत है। इसे भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और प्रत्येक वार पर आने वाले प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व और फल है।

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