सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन
केकरा के भरत भुवाल ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
कौशल्या के राम बबुआ सुमित्रा के लछुमन
ककई के भरत भुवाल ए सखी
चारों भाइयन के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
कवने रंग राम बबुआ कवने रंग लछुमन
कवने रंग भरत भुवाल ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
श्याम रंग राम बबुआ गोरे रंग लछुमन
पित रंग भरत भुवाल ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।
सुहागिन महिलाओं और अविवाहित लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
करवा चौथ का व्रत उत्तर भारत की महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है।