श्यामा श्याम सलौनी सूरत - भजन (Shyama Shyam Saloni Surat)

श्यामा श्याम सलौनी

सूरत को शृंगार बसंती है ।

किशोरी श्याम सलोनी सूरत

को सिंगार बसंती है ।


मोर मुकुट की लटक बसंती

चंद्रकला की चटक बसंती,

मुख मुरली की मटक बसंती,

सिर पै पैंच श्रवण-कुंडल छविदार बसंती है ।


श्यामा श्याम सलौनी

सूरत को शृंगार बसंती है ।

किशोरी श्याम सलोनी सूरत,

को सिंगार बसंती है ।


माथे चन्दन लसियो बसंती,

पट पीताम्बर कसियो बसंती,

पहना बाजूबंद बसंती,

गुंजमाल गल सोहै फूलनहार बसंती है ।


श्यामा श्याम सलौनी

सूरत को शृंगार बसंती है ।

किशोरी श्याम सलोनी सूरत,

को सिंगार बसंती है ।


कनक कडूला हस्त बसंती,

चले चाल अलमस्त बसंती,

रुनक-झुनक पग नूपुर की झनकार बसंती है ।


श्यामा श्याम सलौनी

सूरत को शृंगार बसंती है ।

किशोरी श्याम सलोनी सूरत,

को सिंगार बसंती है ।


संग ग्वाल को गोलन बसंती,

बोल रहे हैं बोल बसंती,

सब सखियन में राधे जी सरदार बसंती हैं ।


श्यामा श्याम सलौनी

सूरत को शृंगार बसंती है ।

किशोरी श्याम सलोनी सूरत,

को सिंगार बसंती है ।

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रविवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में रविवार का दिन विशेष रूप से भगवान सूर्यदेव से जुड़ा हुआ है। इसे "रविवार व्रत" या "सूर्य व्रत" के रूप में मनाया जाता है। रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सम्मान और शक्ति की प्राप्ति होती है।

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मेरी छोटी सी है नाव,
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बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,
कब लोगे खबर मोरे राम,

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