हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये - विनती भजन (Shyam Puspanjali Shri Khatu Shyamji Vinati)

हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय,

दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,

धन्य ढूंढारो देश हैं खाटू नगर सुजान,

अनुपम छवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण ।


श्याम श्याम तो मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण,

श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम,

खाटू नगर के बीच में बण्यों आपको धाम,

फाल्गुन शुक्ला मेला भरे जय जय बाबा श्याम ।


फाल्गुन शुक्ला द्वादशी उत्सव भारी होए,

बाबा के दरबार से खाली जाये न कोय,

उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम,

लज्जा सब की रखियो खाटू के बाबा श्याम ।


पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर,

सब भक्तों की विनती दर्शन देवो हुजूर,

आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान,

श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान ।


हाथ जोड़ विनती करूँ सुणियों चित्त लगाय,

दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,

धन्य ढूंढारो देश हैं खाटू नगर सुजान,

अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण ।


जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम

खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम

लीलो घोड़ो लाल लगाम

जिस पर बैठ्यो बाबो श्याम

॥ ॐ श्री श्याम देवाय नमः ॥


........................................................................................................
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से (Dinanath Meri Baat Chani Koni Tere Se)

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है (Jara Der Thehro Ram Tamanna Yahi Hai)

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है ॥

सुहागिनों के लिए क्यों खास है गणगौर

गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

षटतिला एकादशी व्रत उपाय

माघ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा में तिल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।