शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। (Shiv Uthat Shiv Chalat Shiv Sham Bhor Hai)

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है।

शिव बुद्धि, शिव चित्त, शिव मन विभोर है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव रात्रि, शिव दिवस, शिव स्वप्न-शयन है।

शिव काल, शिव कला, शिव मास-अयन है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव शब्द, शिव अर्थ, शिवहि परमार्थ है।

शिव कर्म, शिव भाग्य, शिवहि पुरुषार्थ है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव स्नेह, शिव राग, शिवहि अनुराग है।

शिव कली, शिव कुसुम, शिवहि पराग है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव भोग, शिव त्याग, शिव तत्व-ज्ञान है।

शिव भक्ति, शिव प्रेम, शिवहि विज्ञान है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव परम साध्य है।

शिव जीव, शिव ब्रह्म, शिवहि आराध्य है॥ ॐ ॐ ॐ...

........................................................................................................
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।

जय गणेश जय गजवदन, कृपा सिंधु भगवान (Jai Ganesh Jai Gajvadan Kripa Sindhu Bhagwan)

जय गणेश जय गजवदन,
कृपा सिंधु भगवान ।

गोरी सुत गणराज पधारो (Gauri Sut Ganraj Padharo)

गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,

श्री हनुमान चालीसा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि।
बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।