शिव शंकर तुम कैलाशपति (Shiv Shankar Tum Kailashpati)

शिव शंकर तुम कैलाशपति,

है शीश पे गंग विराज रही,

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


माथे पर चंद्र का मुकुट सजा,

और गल सर्पो की माला है,

माँ पारवती भगवती गौरा,

तेरे वाम अंग में साज रही,

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


ब्रम्हा को वेद दिए तुमने,

रावण को लंका दे डाली,

औघड़दानी शिव भोले की,

श्रष्टि जयकार बुलाय रही,

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


सोना चांदी हिरे मोती,

तुमको कुछ भी ना सुहाता है,

शिव लिंग पे जा सारी दुनिया,

एक लोटा जल तो चढ़ाय रही,

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


जीवन की एक तमन्ना है,

जीवन में एक ही आशा है,

तेरे चरणों में बीते जीवन,

यही आशा मन में समाय रही,

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥


शिव शंकर तुम कैलाशपति,

है शीश पे गंग विराज रही,

शिव शंकर तुम कैलाश-पति,

है शीश पे गंग विराज रही ॥

........................................................................................................
तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है: भजन (Tere Naam Ka Diwana Tere Dwar Pe Aa Gaya Hai)

तेरे नाम का दीवाना,
तेरे द्वार पे आ गया है,

जपा कर बैठ कर बन्दे, राम का नाम प्यारा है (Japa Kar Baith Kar Bande Ram Ka Naam Pyara Hai)

जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,

दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें

दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।

मेरे घर आयो शुभ दिन (Mere Ghar Aayo Shubh Din)

मेरे घर आयो शुभ दिन आज,
मंगल करो श्री गजानना ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।