शिव शंकर भोलेनाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे (Shiv Shankar Bholenath Tera Damru Baje Parvat Pe)

शिव शंकर भोलेनाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


तेरा नीलकंठ पे धाम बना,

जहाँ सबका बिगड़ा काम बना,

तेरा नीलकंठ पे धाम बना,

जहाँ सबका बिगड़ा काम बना,

सारे जग की रखले बात,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


तेरे जैसा औघड़ दानी ना,

तेरे जैसा कोई वरदानी ना,

तेरे जैसा औघड़ दानी ना,

तेरे जैसा कोई वरदानी ना,

मेरे भोले पिता मात,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


तेरा सबसे रूप निराला है,

तू तो जोगी बड़ा मतवाला है,

तेरा सबसे रूप निराला है,

तू तो जोगी बड़ा मतवाला है,

तेरा पूजन हो दिन रात,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥


शिव शंकर भोलेनाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

शिवशंकर भोलेनाथ ओ नाथ,

तेरा डमरू बाजे पर्वत पे ॥

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मणिकर्णिका घाट स्नान

वैकुंठ चतुर्दशी के दिन मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव व विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। 14 नवंबर को मणिकर्णिका स्नान का विधान है।

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

माघ पूर्णिमा पूजा विधि

हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।

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