शिव मात पिता, शिव बंधू सखा (Shiv Maat Pita Shiv Bandhu Sakha)

शिव मात पिता,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


जिनका तो ना आदि,

ना अंत पता,

भक्तो पे दया,

जो करते सदा,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


वृषगामी जो,

बाघाम्बर है धरे,

अनादि अनंत से,

जो है परे,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


अमृत को नहीं,

विष पान किया,

अभयदान है,

भक्त जनों को दिया,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


गौरा नंदन,

श्री गणेश कहे,

जलधारा जिनके,

शीश बहे,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


शिव मात पिता,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


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राम भक्त लें चला रे, राम की निशानी (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani)

राम भक्त ले चला रे,
राम की निशानी ॥

जय जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा (Jay Jay Shiv Omkara Har Har Shiv Omkara)

ओम जय शिव ओंकारा,
हर हर शिव ओंकारा,

मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा
बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

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