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शिव अद्भुत रूप बनाए (Shiv Adbhut Roop Banaye)

शिव अद्भुत रूप बनाए (Shiv Adbhut Roop Banaye)

शिव अद्भुत रूप बनाए,

जब ब्याह रचाने आए ॥


भुत बेताल थे,

संग में चंडाल थे,

भुत बेताल थे,

संग में चंडाल थे,

कैसी बारात शंकर सजाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


लंगड़े-लूले भी थे,

अंधे काणे भी थे,

लंगड़े-लूले भी थे,

अंधे काणे भी थे,

शुक्र शनिचर को भी संग लाये,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


आए सब देवता,

पाए जब नेवता,

आए सब देवता,

पाए जब नेवता,

देवियों को भी संग में बुलाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


लोग डरने लगे,

और ये कहने लगे,

लोग डरने लगे,

और ये कहने लगे,

रूप कैसा गजब बनाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


बोलो सत्यम शिवम्,

है वही सुन्दरम,

बोलो सत्यम शिवम्,

है वही सुन्दरम,

गोरा के मन को भाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


शिव अद्भुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


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गुप्त नवरात्रि में की जाती है दस महाविद्याओं की उपासना, जानें सभी का परिचय

गुप्त नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए साधना की जाती है। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

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साल में चार नवरात्रि पड़ती है। गुप्त नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा देवी के भक्तों के लिए बुहत खास होता है।

गुप्त नवरात्र में की गई गलतियां पड़ सकती है भारी, रखें इन बातों का ख्याल

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