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मेरी मैया शेरोवाली है,
करे भक्तो की रखवाली है,
सब भक्तो मिलकर जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
श्लोक – नाम जो अम्बे रानी का,
मन से प्राणी गाएगा,
उसका बेडा भव सागर से,
पल भर में तर जाएगा,
लाज रखती है भक्तो की,
बिन मांगे ही सब पाएगा,
और सच्चे मन ऐ ‘लख्खा’,
जो जयजयकार बुलाएगा ॥
मेरी मैया शेरोवाली है,
करे भक्तो की रखवाली है,
सब भक्तो मिलकर जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
माँ सर्व मंगला काली है,
नवदुर्गा खप्पर वाली है,
खप्पर वाली की जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
ममता मई ममता लुटाती है,
भक्तो की बिगड़ी बनाती है,
ममता मई माँ की जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
जो सच्चे मन से ध्याता है,
मुँह माँगा वर वो पाता है,
सच्चे दरबार की जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
जो शरण में माँ की आया है,
वो झोली भर कर लाया है,
फिर सच्चे मन से जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
ताराचंद महिमा गाता है,
‘लख्खा’ भी शीश झुकाता है,
एक बार जरा तो जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
मेरी मैया शेरोवाली है,
करे भक्तो की रखवाली है,
सब भक्तो मिलकर जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
शेरावाली की जय बोलो,
मेहरावाली की जय बोलो,
अम्बेरानी की जय बोलो,
वैष्णोरानी की जय बोलो,
जोतावाली की जय बोलो,
पहाड़ावाली की जय बोलो,
शेरावाली की जय बोलो ॥
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