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शंकर जी का डमरू बाजे (Shankarji Ka Damroo Baje From Movie Bal Ganesh)

शंकर जी का डमरू बाजे (Shankarji Ka Damroo Baje From Movie Bal Ganesh)

शंकर जी का डमरू बाजे

पार्वती का नंदन नाचे ॥

बर्फीले कैलाशिखर पर,

जय गणेश की धूम

ओ जय हो...


शंकर जी का डमरू बाजे

पार्वती का नंदन नाचे

बर्फीले कैलाशिखर पर,

जय गणेश की धूम

नाचे धिन धिन धिन्तक धिन ॥

नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,

धिन्तक धिन्तक नाचे


मनमोहक, मनभावन, नटखट

मूषक गण भागे सरपट ॥

विघ्न विनायक, संकट मोचन

वक्रतुंड कजरारे लोचन ॥

झूमे गए बल गणेश

भक्तजनो की कटे कलेश॥

नाचे धिन धिन धिन्तक धिन॥

नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,

धिन्तक धिन्तक नाचे


सुनकर इतना ज्यादा शोर,

पार्वती आई उस और

डरकर माता उमा के आगे,

दुम दबाकर मूषक भागे

पर अपनी धुन में मस्त गजानन

थिरक रहे है भूलके तन मैं


गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया


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क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

मत्स्य द्वादशी कब है

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला मत्स्य द्वादशी पर्व इस साल दिसंबर में मनाया जाएगा। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है ।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

मोक्षदा एकादशी व्रत क्यों विशेष है

मोक्षदा एकादशी सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ मानी जाती है। इसे मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।

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