शंकर मेरा प्यारा.. माँ री माँ मुझे मूरत ला दे (Shankar Mera Pyara.. Maa Ri Maa Mujhe Murat La De)

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


माँ री माँ वो डमरू वाला,

तन पे पहने मृग की छाला ।

रात मेरे सपनो में आया,

आ के मुझ को गले लगाया ।

गले लगा कर मुझ से बोला,

मैं हूँ तेरा रखवाला ॥


शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


माँ री माँ वो मेरा स्वामी,

मैं उस के पट की अनुगामी ।

वो मेरा है तारण हारा,

उस से मेरा जग उजारा ।

है प्रभु मेरा अन्तर्यामी,

सब का है वो रखवाला ॥


शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


........................................................................................................
प्रदोष व्रत पर क्या करें या न करें

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत प्रत्येक महीने में दो बार, त्रयोदशी तिथि को (स्नान, दिन और रात के समय के अनुसार) किया जाता है, एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में।

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर,

छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

मन लेके आया माता रानी के भवन में (Man Leke Aaya Mata Rani Ke Bhawan Mein)

मन लेके आया,
माता रानी के भवन में
बड़ा सुख पाया

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।