शंकर मेरा प्यारा.. माँ री माँ मुझे मूरत ला दे (Shankar Mera Pyara.. Maa Ri Maa Mujhe Murat La De)

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


माँ री माँ वो डमरू वाला,

तन पे पहने मृग की छाला ।

रात मेरे सपनो में आया,

आ के मुझ को गले लगाया ।

गले लगा कर मुझ से बोला,

मैं हूँ तेरा रखवाला ॥


शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


माँ री माँ वो मेरा स्वामी,

मैं उस के पट की अनुगामी ।

वो मेरा है तारण हारा,

उस से मेरा जग उजारा ।

है प्रभु मेरा अन्तर्यामी,

सब का है वो रखवाला ॥


शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।

माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,

शिव शंकर की मूरत ला दे ।

मूरत ऐसी जिस के सर से,

निकले गंगा धरा ॥

शंकर मेरा प्यारा,

शंकर मेरा प्यारा ।


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मढ़िया में जाके बोए जवारे (Madhiya Mein Jaake Boye Jaware)

मढ़िया में जाके बोए जवारे,
ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

फाल्गुन में राशिनुसार उपाय

फाल्गुन महीना हिंदू कैलेंडर में साल का आखिरी महीना होता है। इस महीने ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने लगता है। होली और महाशिवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी इसी महीने में आते हैं।

भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा (Bhari Unki Ankho Mein Hai Kitni Karuna)

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जाकर सुदामा भिखारी से पूछो

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

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