शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
ओ बाबा भूतनाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
देवों में महादेव हो बाबा,
सारी दुनिया ध्याति है,
श्रद्धा से चरणों में तेरे,
आकर शीश झुकाती है,
जो पाँव पकड़ ले तेरे,
जो पाँव पकड़ ले तेरे,
तू पकडे उनके हाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
श्रष्टि के ओ सिरजनहारे,
तेरे ढंग निराले है,
देवों की रक्षा के खातिर,
पीता विष के प्याले है,
हम भोले भक्तों का तू,
हम भोले भक्तों का तू,
रक्षक है भोलेनाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
सोमवार को तेरा दर्शन,
बहुत बड़ा शुभकारी है,
तेरी दया से हम भक्तो की,
कटती विपदा सारी है,
इस ‘हर्ष’ का भोले बाबा,
इस ‘हर्ष’ का भोले बाबा,
तू देना हरदम साथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
ओ बाबा भूतनाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
नवरात्रि में सभी सिद्धियों का दाता है मैय्या का सिद्धिदात्री स्वरुप, स्वयं शिव ने भी प्राप्त की हैं मैय्या से शक्तियां
जगत जननी मां दुर्गा की आराधना के पावन पर्व नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। यह मैया के सबसे सुंदर स्वरूपों में से एक है। आदिशक्ति मां भवानी दुर्गा का अष्टम रूप बड़ा ही मनमोहक और मनभावन है। महागौरी मैय्या अपने अन्य रूपों की तुलना में बहुत अधिक गोरे वर्ण वाली है। तो भक्त वत्सल की नवरात्रि विशेषांक के दसवें लेख में जानिए मां के आठवें स्वरूप महागौरी के बारे में विस्तार से…….
माता के भक्तों के लिए नवरात्रि सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इन नौ दिनों में देश ही नहीं दुनिया भर में मैय्या रानी के जगराते और पूजन पाठ किए जाते हैं। मैय्या हर दिन एक अलग रूप में भक्तों को दर्शन देती है और भक्त भी मां के उस स्वरूप की आराधना कर अपने मन की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
अगर आप पितृपक्ष के अवसर पर पिंडदान के लिए बिहार के गया आ रहे हैं और ठहरने के लिए महंगे होटलों में पैसे खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है।