आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,
फूलों से सवारी,
महाकाल की सजाए हम,
करता धराशाई पापियों की चाल,
ऐसा न्याय प्रिय है मेरा महाकाल,
उज्जैन भ्रमण को निकले,
मेरे महाकाल,
सवारी महाकाल की आई,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
मल कर तन पर भस्मी,
वो तो पहने मृग की छाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
आदि से आदि है वो,
अनंत महाकाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
डमरू वाला देखो,
करे है कमाल,
सवारी महाकाल की आईं,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
करपूर गौरम करूणावतारम,
संसार सारम भुजगेन्द्र हारम,
सदा वसंतम हृदयारविंदे,
भवम भवानी सहितं नमामि ॥
कालो का भी काल वो तो,
मेरा महाकाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
देखा हमने कई बार,
पापियों हाल,
मेरे महाकाल मेरे महाकाल,
अंग भभुति तिरपुंड लगाए हम,
सवारी महाकाल की आईं,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,
फूलों से सवारी,
महाकाल की सजाए हम,
करता धराशाई पापियों की चाल,
ऐसा न्याय प्रिय है मेरा महाकाल,
उज्जैन भ्रमण को निकले,
मेरे महाकाल,
सवारी महाकाल की आई,
सवारी महाकाल की आईं,
ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥
हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। यह एक पवित्र मिश्रण है जिसे पूजा-पाठ में और विशेष अवसरों पर भगवान को अर्पित किया जाता है। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर शामिल होते हैं। इन पांच पवित्र पदार्थों को मिलाकर बनाया गया पंचामृत भगवान को प्रसन्न करने और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।
ईश्वर से जुड़ने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के अपने खास तरीके हैं। हिंदू धर्म में, प्रार्थना करते समय आंखें बंद कर लेना और हाथ जोड़कर खड़े होते हैं। हाथ जोड़ना सिर्फ एक नमस्कार नहीं है, बल्कि यह विनम्रता, सम्मान और आभार का प्रतीक है।
हिंदू धर्म में मंदिर, घर या किसी भी पवित्र स्थान पर पूजा करते समय सिर को ढकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह माना जाता है कि पूजा के दौरान सिर ढकने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिलता है। महिलाएं आमतौर पर साड़ी का पल्लू या दुपट्टा और पुरुष रूमाल का उपयोग करते हैं।
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का एक अहम हिस्सा है आरती। लगभग हर घर में सुबह-शाम देवताओं की आरती की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आरती करने के पीछे क्या खास कारण है और आरती के दौरान हम हाथ क्यों फेरते हैं? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं इसका महत्व क्या है?