सतगुरु मैं तेरी पतंग(Satguru Main Teri Patang)

सतगुरु मैं तेरी पतंग,

बाबा मैं तेरी पतंग,

हवा विच उडदी जावांगी,

हवा विच उडदी जावांगी ।

साईयां डोर हाथों छोड़ी ना,

मैं कट्टी जावांगी ॥


तेरे चरना दी धूलि साईं माथे उते लावां,

करा मंगल साईंनाथ गुण तेरे गावां।

साईं भक्ति पतंग वाली डोर, अम्बरा विच उडदी फिरा ॥


बड़ी मुश्किल दे नाल मिलेय मेनू तेरा दवारा है ।

मेनू इको तेरा आसरा नाले तेरा ही सहारा है ।

हुन तेरे ही भरोसे, हवा विच उडदी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


ऐना चरना कमला नालो मेनू दूर हटावी ना ।

इस झूठे जग दे अन्दर मेरा पेचा लाई ना ।

जे कट गयी ता सतगुरु, फेर मैं लुट्टी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


अज्ज मलेया बूहा आके मैं तेरे द्वार दा ।

हाथ रख दे एक वारि तूं मेरे सर ते प्यार दा ।

फिर जनम मरण दे गेडे तो मैं बच्दी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


........................................................................................................
चैत कृष्ण पापमोचनी एकादशी (Chait Krishna Papamochani Ekadashi)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर बोले हे भगवन् ! आपके श्रीमुख से इन पवित्र कथाओं को सुन मैं कृतकृत्य हो गया।

श्री रुद्राष्टकम् मंत्र (Sri Rudrashtakam Mantra)

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ ॥ Shrirudrashtakam ॥
namaamishmishan nirvanarupam
vibhum vyapakam bramvedasvarupam .
nijam nirgunam nirvikalpam niriham
chidakashamakashavasam bhaje̕ham . 1.

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया
हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

Bhole Baba Ke Bhajan: आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे

आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे,
तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान में ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।