सतगुरु मैं तेरी पतंग(Satguru Main Teri Patang)

सतगुरु मैं तेरी पतंग,

बाबा मैं तेरी पतंग,

हवा विच उडदी जावांगी,

हवा विच उडदी जावांगी ।

साईयां डोर हाथों छोड़ी ना,

मैं कट्टी जावांगी ॥


तेरे चरना दी धूलि साईं माथे उते लावां,

करा मंगल साईंनाथ गुण तेरे गावां।

साईं भक्ति पतंग वाली डोर, अम्बरा विच उडदी फिरा ॥


बड़ी मुश्किल दे नाल मिलेय मेनू तेरा दवारा है ।

मेनू इको तेरा आसरा नाले तेरा ही सहारा है ।

हुन तेरे ही भरोसे, हवा विच उडदी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


ऐना चरना कमला नालो मेनू दूर हटावी ना ।

इस झूठे जग दे अन्दर मेरा पेचा लाई ना ।

जे कट गयी ता सतगुरु, फेर मैं लुट्टी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


अज्ज मलेया बूहा आके मैं तेरे द्वार दा ।

हाथ रख दे एक वारि तूं मेरे सर ते प्यार दा ।

फिर जनम मरण दे गेडे तो मैं बच्दी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


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एकादशी व्रत का महत्व

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शिवलिंग पर रुद्राक्ष चढ़ाने के लाभ

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भादी मावस है आई(Bhadi Mawas Hain Aai)

भादी मावस है आई,
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वो काला एक बांसुरी वाला (Wo Kala Ek Bansuri Wala)

वो काला एक बांसुरी वाला,
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