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सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी,
कंठ शारदा माता है ।
जो भी मुख से वचन कहें,
वो वचन सिद्ध हो जाता है ।
हैं गुरु ब्रह्मा, हैं गुरु विष्णु,
हैं शंकर भगवान आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
जनम के दाता मात पिता हैं,
आप करम के दाता हैं ।
आप मिलाते हैं ईश्वर से,
आप ही भाग्य विधाता हैं ।
दुखिया मन को रोगी तन को,
मिलता है आराम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
निर्बल को बलवान बना दो,
मूर्ख को गुणवान प्रभु ।
देवकमल और वंसी को भी,
ज्ञान का दो वरदान गुरु ।
हे महा दानी हे महा ज्ञानी,
रहूँ मैं सुबहो-शाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।
सात द्वीप नौ खंड मे,
मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥
सब धरती कागज़ करूँ,
लेखनी सब वनराय ।
समुद्र को स्याही,
पर गुरु गुण लिख्यो ना जाए ॥
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
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