साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
साँवरियों है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है ॥
राजाओं के राजा,
महारानी की रानी,
सिरमौर मुकुट साझे,
जोड़ी बड़ी प्यारी,
दरबार है प्यारा,
राधा के संग साझे,
सुने पलने सेठ,
सुने पलने सेठ,
सुने पलने सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है ॥
सांवरियां राधा जी,
भक्ता पे है राजी,
करे घणो लाड है,
भंडार लुटावे है,
हर बात बणावे है,
भक्ता रा ठाट है,
देवे छप्पर फाड़,
देवे छप्पर फाड़,
नही इनसो कोई दानी है,
ये जाने दुनिया सारी है ॥
सुख दुख मे साँवरियो,
सुख दुख मे राधा जी,
सदा तेरे साथ है,
मेरी चिंता दुर करे,
मेरी विपदा दुर करे,
रख लेवे बात है,
भक्ता रो तो काम,
भक्ता रो तो काम,
बस एक हाजरी लगाणि है,
ये जाने दुनिया सारी है ॥
साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
साँवरियों है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है ॥
महाशिवरात्रि पर ही मां पार्वती व भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है।
प्रत्येक महीने शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हालांकि, फाल्गुन माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।
सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम महीना फाल्गुन मास होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है।