सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


ये ही है दुर्गा ये ही माँ काली,

चाहे किसी भी रूप में मनाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


धन यश सुख सब देने वाली,

माँ से भंडार तुम भरवाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


तन मन करदो माँ को समर्पण,

शेर चरणों में शीश तुम नवाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


जगदाति की कर लो पूजा,

बस दाती के ही हो जाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


सच्चे मन से माँ की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥

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मेरे घर आयो शुभ दिन (Mere Ghar Aayo Shubh Din)

मेरे घर आयो शुभ दिन आज,
मंगल करो श्री गजानना ॥

किस्मत को मेरी आज, बना क्यों नहीं देते (Kismat Ko Meri Aaja Bana Kyo Nahi Dete)

किस्मत को मेरी आज,
बना क्यों नहीं देते,

प्रदोष व्रत के फायदे

प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इसलिए, इसे त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

आना हो श्री गणेशा, मेरे भी घर में आना (Aana Ho Shri Ganesha Mere Bhi Ghar Mein Aana)

आना हो श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,

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