सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो (Sabse Pahle Manau Ganraj Gajanand Aa Jaiyo)

सबसे पहले मनाऊँ गणराज,

गजानंद आ जइयो,

म्हारी विनती सुनो महाराज,

गजानंद आ जइयो ॥


आज ये कैसी शुभ घड़ी आई,

अंगना में मोरे बजत बधाई,

मेरी रख लो सभा में लाज,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


बड़ा प्रेम से थाने मनाऊं,

मोदक को थाने भोग लगाऊं,

रिद्धि सिद्धि ने लाजो साथ,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


बल बुद्धि के तुम हो दाता,

जो कोई तुम्हरी शरण में आता,

मैं भी आया शरण में आज,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


सबसे पहले मनाऊँ गणराज,

गजानंद आ जइयो,

म्हारी विनती सुनो महाराज,

गजानंद आ जइयो ॥

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मोक्षदा एकादशी पर विष्णु जी का पूजन

प्रत्येक एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसी प्रकार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है।

चाहे सुख हो दुःख हो, एक ही नाम बोलो जी (Chahe Sukh Ho Dukh Ho Ek Hi Naam Bolo Ji)

चाहे सुख हो दुःख हो,
एक ही नाम बोलो जी,

ल्याया थारी चुनड़ी, करियो माँ स्वीकार(Lyaya Thari Chunri Karlyo Maa Swikar)

ल्याया थारी चुनड़ी,
करियो माँ स्वीकार,

श्री सीता माता चालीसा (Shri Sita Mata Chalisa)

बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम,
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥

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