सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें (Sabse Pahle Gajanan Manaya Tumhe)

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे ॥


श्लोक – वक्रतुण्ड महाकाय,

सूर्यकोटि समप्रभ,

निर्विघ्नं कुरु मे देव,

सर्वकार्येषु सर्वदा ॥


सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

है अधूरे मेरे काज सब आप बिन,

पुरे करने प्रभु आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


हे गजानन बुद्धि के दाता हो तुम,

अपने भक्तो के भाग्य विधाता हो तुम,

फिर सोया विनायक मेरा भाग्य क्यों,

भाग्य मेरा जगाने को आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


शंकर के सुवन गौरा लाला हो तुम,

अपने भक्तो पे रहते कृपाला हो तुम,

ये मेरा मन यूँ तुम बिन बहकता है क्यों,

बरसाने कृपा आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


संग में लेके आओ वीणावादिनी,

जिसकी शक्ति से निकले मेरी रागिनी,

साथ में लाओ लक्ष्मीजी गजगामिनी,

रिद्धि सिद्धि भी ले आप आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

है अधूरे मेरे काज सब आप बिन,

पुरे करने प्रभु आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥

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या देवी सर्वभूतेषु,
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खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

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