सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे (Sabker Sudhi Aahan Lai Chhi He Ambe)

सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे

हमरा किए बिसरै छी हे


थिकहुँ पुत्र अहींकेर जननी

से तऽ अहाँ जनै छी हे


एहन निष्ठुर किए अहाँ भेलहुँ

कनिको दृष्टि नहि दै छी हे


क्षण-क्षण पल-पल ध्यान करै छी

नाम अहींकेर जपै छी हे


रैनि-दिवस हम ठाढ़ रहै छी

दर्शन बिनु तरसै छी हे


छी जगदम्बा, जग अवलम्बा

तारिणि तरणि बनै छी हे


हमरा बेरि किए ने तकै छी

पापी जानि ठेलै छी हे


सभ के सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे

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बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे (Bandha Tha Draupadi Ne Tumhe Char Taar Main)

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।

आषाढ़ कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी (aashaadh krishn paksh ki yogini ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा कि हे श्री मधुसूदन जी ! ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी का माहात्म्य तो मैं सुन चुका अब आगे आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है और क्या माहात्म्य है कृपाकर उसको कहने की दया करिये।

शक्ति दे मां शक्ति दे मां (Shakti De Maa Shakti De Maa)

पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥

राधे पूछ रही तुलसा से(Radhe Pooch Rahi Tulsa Se)

राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।

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