रण में आयी देखो काली(Ran mein aayi dekho Kali)

रण में आयी देखो काली,

खून से भरने खप्पर खाली,

दुष्टो को तू मारने वाली,

जय काली काली ॥


अष्ट भुजाओं वाला लहंगा,

पहन के मैया आई है,

काट के दुष्टो का सर मैया,

ने माला बनाई है,

चंडी रूप बात निराली,

सजती है मेरी मैया काली,

दुष्टो को तू मारने वाली,

जय काली काली ॥


देख के रूप विराट माँ तेरा,

कई देवता भी हारे,

तेरे आगे विनती करते,

हाथ जोड़ते है सारे,

आखिर में शिव शंकर जी ने,

किया है शांत तुझे माँ काली,

दुष्टो को तू मारने वाली,

जय काली काली ॥


जैसे भैरव बाबा की,

मुक्ति की तूने अम्बे माँ,

महिषासुर को सबक सिखाने,

वाली तू जगदम्बे माँ,

ऐसे ही ‘आशीष बागड़ी’,

चरणों में तेरे आया माँ,

‘हेमंत ब्रजवासी’ ने मैया,

तेरा ही गुण गाया माँ,

खुशियों सबको देने वाली,

जय काली काली ॥


रण में आयी देखो काली,

खून से भरने खप्पर खाली,

दुष्टो को तू मारने वाली,

जय काली काली ॥

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