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रामजी की निकली सवारी (Ramji Ki Nikali Sawari Ramji Ki Leela Hai Nayari)

रामजी की निकली सवारी (Ramji Ki Nikali Sawari Ramji Ki Leela Hai Nayari)

सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला

हाथ धनुष गले में पुष्प माला

हम दास इनके ये सबके स्वामी

अंजान हम ये अंतरयामी

शीश झुकाओ राम गुण गाओ

बोलो जय विष्णु के अवतारी


रामजी की निकली सवारी,

रामजी की लीला है,

एक तरफ लक्ष्मण एक तरफ सीता,

बीच में जगत के पालनहारी,

रामजी की निकली सवारी,

रामजी की लीला है, न्यारी न्यारी,


धीरे चला रथ ओ रथ वाले,

तोहे खबर क्या ओ भोले भाले,

एक बार देखे दिल ना भरेगा,

सौ बार देखो फिर जी करेगा,

व्याकुल बड़े हैं कबसे खड़े हैं,

दर्शन के प्यासे सब नर नारी,


रामजी की निकली सवारी,

रामजी की लीला हैं न्यारी,


चौदह बरस का वनवास पाया,

माता पिता का वचन निभाया,

धोखे से हर ली रावण ने सीता,

रावण को मारा लंका को जीता,

तब तब ये आए, तब तब ये आए,

जब जब ये दुनिया इनको पुकारी,


रामजी की निकली सवारी,

रामजी की लीला हैं न्यारी,


रामजी की निकली सवारी,

रामजी की लीला है,

एक तरफ लक्ष्मण एक तरफ सीता,

बीच में जगत के पालनहारी,

रामजी की निकली सवारी,

रामजी की लीला है, न्यारी न्यारी,

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नरसिंह जयंती कथा

नरसिंह जयंती, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के प्रकट होने की तिथि है, जो भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए प्रकट हुए थे और दैत्यराज हिरण्यकश्यप का वध किया था।

नरसिंह जयंती पूजा विधि

नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है।

नरसिंह जयंती पर भक्त प्रह्लाद कथा

नरसिंह जयंती हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसे वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह अवतार के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है।

प्रदोष व्रत: श्री शिव रुद्राष्टकम का पाठ

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को मानसिक तथा सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शुक्रवार 9 मई को भी यह व्रत श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायक रहेगा।

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