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राम तुम बड़े दयालु हो (Ram Tum Bade Dayalu Ho)

राम तुम बड़े दयालु हो (Ram Tum Bade Dayalu Ho)

राम तुम बड़े दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


और ना कोई हमारा है,

मुझे इक तेरा सहारा है,

नईया डोल रही मेरी,

हरी जी तुम करो ना अब देरी ।


राम तुम बड़ें दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


तेरा यश गाया वेदों ने,

पार नहीं पाया वेदों ने,

नेती नेती गाया वेदों ने ।


राम तुम बड़ें दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


भले हैं बुरे हैं तेरे हैं,

तेरी माया के घेरे हैं,

फिर भी हम बालक तेरे हैं ।


राम तुम बड़ें दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


सहारा भक्तों के हो आप,

मिटाते हो सब के संताप,

करें जो भक्ति भाव से जाप ।


राम तुम बड़ें दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


तुम्हारा नाम मिले भगवन,

सुबह और शाम मिले भगवन,

भक्ति का दान मिले भगवन ।


राम तुम बड़ें दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


राम तुम बड़े दयालु हो,

नाथ तुम बड़े दयालु हो,

हरी जी तुम बड़े दयालु हो ॥


श्री राम, जय राम, जय जय राम ।

श्री राम, जय राम, जय जय राम ।

श्री राम, जय राम, जय जय राम ।

श्री राम, जय राम, जय जय राम ।


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स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।

स्कंद षष्ठी पारण विधि

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव यानी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं।

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

तुलसी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पुजनीय माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया और हरिप्रिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

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