राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,
भूल के इस झूठे जग को इक,
पल तो राम का ध्यान धरो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो ॥
जितना चमका ना है चमका,
तन मिट्टी ही होना है,
कुछ चन्दन की लकड़ी आखिर,
बस तेरा ही बिछोना है,
हाड़ मांस की काया है ये,
इस पर ना अभिमान करो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो ॥
मृगतृष्णा की तरह पगले,
किसकी खोज में भटक रहा,
क्षण भंगुर जीवन है तेरा,
किसमे मन ये अटक रहा,
रह जाएगा धरा यहीं पर,
काम क्रोध ना मान करो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो ॥
राम नाम ही साथ चलेगा,
जब तू मरघट जाएगा,
इस दुनिया का हर एक प्यारा,
दूर खड़ा रह जाएगा,
केवल इतना सत्य है ‘शर्मा’,
सत्य से ना अनजान बनो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो ॥
राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,
भूल के इस झूठे जग को इक,
पल तो राम का ध्यान धरो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो ॥
होली भारत में रंगों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, लेकिन जब ब्रज की होली की बात आती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। मथुरा, वृंदावन, नंदगांव और बरसाना में यह पर्व अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम लीलाओं से जुड़े इस उत्सव में भक्ति, संगीत, नृत्य और उल्लास का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
बरसाना और नंदगांव की होली विश्व प्रसिद्ध है और इसे देखने के लिए हर साल हजारों लोग यहां पहुंचते हैं। यह होली श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कथा से जुड़ी हुई है। बरसाना में महिलाएं पुरुषों पर प्रेमपूर्वक लाठियां बरसाती हैं और पुरुष ढाल लेकर खुद को बचाने का प्रयास करते हैं।
होली फेस्टिवल होलिका दहन के एक दिन बाद मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इसका विशेष अर्थ है। बता दें कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और कई लोग होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जानते है।
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, होलिका दहन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है। होलिका दहन के विधिवत आराधना करने से नकारात्मकता भी घर से बाहर चल जाता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद बना रहता है।