राधा रानी को भयो अवतार,
बधाई बाज रही,
ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,
ऐ री हाँ बधाई बाज रही,
चलो रे चलो रे भानु के द्वार,
बधाई बाज रही ॥
बरसाने में बजत बधाई,
प्रकटी श्री श्यामा सुखदाई,
आई रसिकन की प्राणाधार,
बधाई बाज रही,
राधे रानी को भयो अवतार ॥
लूट रहे हीरे मोतिन माला,
आज मिलेंगे शाल दुशाला,
सखी गाई रही मंगलाचार,
बधाई बाज रही,
राधा रानी को भयो अवतार ॥
जुग जुग जियो राधा प्यारी,
जय जय भानुकुल उजियारी,
छाई ब्रज खुशी अपार,
बधाई बाज रही,
राधे रानी को भयो अवतार ॥
चित्र विचित्र जब सुनी रे खबरिया,
आये पकड़ पागल की उंगलिया,
राधा रानी पे जाये बलिहार,
बधाई बाज रही,
राधे रानी को भयो अवतार ॥
राधा रानी को भयो अवतार,
बधाई बाज रही,
ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,
ऐ री हाँ बधाई बाज रही,
चलो रे चलो रे भानु के द्वार,
बधाई बाज रही ॥
प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और दक्षिण भारत के अन्य क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जी के जन्म की कई कथाएं प्रचलित हैं, लेकिन तेलुगु समाज में इसे वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाने की परंपरा है।
हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के रूप में मनाया जाता है।
सनातन धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में हर एकादशी का व्रत अलग-अलग नाम और महत्व के साथ आता है, उनमें से एक अपरा एकादशी है।