प्रथमेश गजानंद नाम तेरो (Prathamesh Gajanan Naam Tero)

प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


म्हारे आंगण पाँव धरो देवा,

पावन कर दो म्हारी कर्म धरा,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

इतनी सी अरज स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


हे एकदन्त शंकर सुवन,

सगळा का काज सरया थासु,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हारो भी थे उद्धार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


भक्ता का पालनहार गजानंद,

शिव अमृत अभिनन्दन है,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हर सुख का नमन स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥

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गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

धनवंतरि भगवान की आरती (Dhanvantri Bhagwan ki Aarti)

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

श्री गणपति स्तोत्रम् (Shri Ganpati Stotram)

जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता
स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना
इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना

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